पहली बार 900 फीट से अधिक ऊपर फंसे लोगों को किया गया एयरलिफ्ट
देश में किसी रोप वे पर पहली बार चला इतना लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन
रांची। झारखंड में देवघर के त्रिकुट पर्वत रोप-वे हादसे के बाद करीब 45 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान हवा में ट्रॉली में फंसे 48 लोगों में से 46 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन इस पूरे ऑपरेशन की दुःखद पहलु यह रही है कि दो लोगों को बचाया नहीं जा सका। जबकि एक महिला की मौत पहले दिन ट्रॉली के पत्थर से टकराने के कारण हो गयी थी। इस तरह से इस पूरे हादसे में तीन लोगों की मौत हो गयी।
पहली बार किसी ऑपरेशन में सेना के जवानों के अलावा एनडीआरएफ, आईटीबीपी और पुलिस के जवानों ने संयुक्त रूप से अभियान चलाया। देश में अपने तरह के चले सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी नजर बनाये हुए थे। जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता और पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन अंसारी समेत पूरा सरकारी महकमा भी ऑपरेशन को सफल बनाने में जुटा रहा।
दूसरे दिन 14 फंसे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू
रोपवे हादसे के दूसरे दिन सुबह सात बजकर दस मिनट पर एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर त्रिकुट पर्वत पर मंडराना शुरू किया और ऑपरेशन की शुरुआत हुई। करीब आधे घंटे के प्रयास के बाद ही सेना के जवानों ने एक महिला समेत 3 लोगों को रेस्क्यू किया गया। बाद में गरूड़ कमांडों ने 2 अन्य को रेस्क्यू किया। हालांकि रेस्क्यू करते वक्त रोपवे से टकराने के कारण एक गरूड़ कमांडो घायल भी हो गया। आठ बजे के कारण 3 अन्य को सुरक्षित नीचे उतारा गया। बाद में 9 बजे के कारण 3 और लोगों को रेस्क्यू किया गया। साढ़े 11 बजे दो और लोगों को रेस्क्यू किया गया, जिसके बाद ऑपरेशन अंतिम चरण में पहुंचा और तीन को बचाने के लिए कुछ देर लिए ऑपरेशन को रोका गया। अंतिम चरण में एक बड़ा हादसा हो गया । रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक महिला को लिफ्ट करते वक्त हेलीकॉप्टर का रस्सी रोपवे में फंस गया, जिससे महिला नीचे गिर गयी और उसकी मौत हो गयी।
ग्रामीणों ने सड़क जाम किया
इधर, त्रिकुट पहाड़ के पास ग्रामीणों ने बसडीहा चौक के निकट सड़क जाम किया। सोमवार को रोपवे हादसे में महिला की मौत से ग्रामीण आक्रोशित थे।
पहले दिन 32 को किया गया रेस्क्यू
त्रिकुट रोप वे हादसे में पहले दिन 32 लोगों को सुरक्षित निकाला गया । लेकिन अंधेरा होने की वजह से कल शाम रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया था। आज 15 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, लेकिन मंगलवार को भी रेस्क्यू के दौरान एक महिला की हादसे में मौत हो गयी।
स्थानीय पन्नालाल के नेतृत्व में ग्रामीणों ने 11 पर्यटकों को किया रेस्क्यू
एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर का रेस्क्यू शुरू होने के पहले ही सोमवार को ही स्थानीय ग्रामीणों की टीम ने पूरी सजगता के साथ रस्सी और सेफ्टी वेल्ट के साथ कुर्सी के जरिये दो ट्रॉली से 11 पर्यटकों को खुद रेस्क्यू कर सुरक्षित नीचे उतारा। इस अभियान में स्थानीय पन्नालाल ने बड़ी भूमिका निभायी।
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