1 मई से सरकारी स्तर पर शराब दुकानों का संचालन , प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से युवाओं का चयन
रांची। झारखंड में 1 मई से सरकारी स्तर पर शराब की दुकानों का संचालन होगा। राज्य में संचालित होने वाले करीब 1500 शराब दुकानों के संचालन के लिए एक-एक दुकान प्रभारी (मैनेजर) और सहायकों की तलाश हो रही है। घर-परिवार चलाने की मजबूरी और रोजगार की तलाश में कई ऐसे युवा भी इस नियुक्ति प्रक्रिया में सम्मिलित हो रहे हैं, जिन्होंने हमेशा शराब से दूरी बनाये रखने का सपना संजोया है, लेकिन अब वे दूसरे को शराब पिलाएंगे।
स्थानीय युवाओं के लिए दस प्लेसमेंट एजेंसी नियुक्त
झारखंड के उत्पाद आयुक्त अमित कुमार ने बताया कि शराब दुकानों के लिए दुकान प्रभारी और सहायकों का चयन प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से किया जाना है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने जेएसबीसीएल (झारखंड स्टेट बेवरेज कॉर्पाेरेशन लिमिटेड) के अधीन खुदरा शराब दुकानों का संचालन करने का निर्णय लिया है और अब राज्य में खुदरा दुकानों की संख्या 750 से बढ़कर 1500 हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इन दुकानों के लिए प्रभारी और सहायक के चयन में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने के लिए आवश्यक गाइडलाइन का निर्धारण किया गया है, जिसके तहत स्थानीय नियोजनालय में पंजीकृत युवाओं को मौका देने का निर्देश संबंधित प्लेसमेंट एजेंसी को दिया गया है। विभाग की ओर से इसके लिए राज्यभर के विभिन्न जिलों के लिए 10 प्लेसमेंट एजेंसी का चयन किया गया है। फिलहाल तीन वर्षाें के लिए प्लेसमेंट एजेंसी का चयन किया गया है।
रोजगार मेला की तर्ज पर युवाओं की तलाश
उत्पाद आयुक्त ने बताया कि जिस तरह से रोजगार मेले में युवा रोजगार की तलाश के लिए आते हैं, उसी तर्ज पर प्लेसमेंट एजेंसियों को इन दुकानों के लिए प्रभारी और सहायकों के चयन का निर्देश दिया गया है, ताकि स्थानीय लोगों को ही काम मिल सके।
स्कील और सेमी स्किल्ड पर्सन का मानदेय
इन शराब दुकानों के लिए चयन होने वाले युवाओं की संख्या वेतन और मानदेय के संबंध में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में उत्पाद आयुक्त अमित कुमार ने बताया कि इसके लिए मार्ग निर्देशिका जारी की गयी है, प्रभारी को स्कील पर्सन और सहायक को सेमी स्किल्ड पर्सन के लिए निर्धारित मानदेय मिलेगा। वहीं सभी शराब दुकानों के लिए एक-एक प्रभारी और दो सहायकों के चयन का प्रस्ताव हैं, लेकिन यदि शराब दुकान बड़ी होगी, तो वहां सहायकों की भी संख्या अधिक होगी।
एमटेक से लेकर मैट्रिक पास युवाओं की लगी लंबी कतार
रोजगार की तलाश में जुटे युवा शराब बेचने को भी तैयार है। कई जिलों में एमटेक से लेकर मैट्रिक पास युवा दुकान प्रभारी के लिए प्लेसमेंट एजेंसी के पास चयन के लिए पहुंच रहे हैं। प्रभारी के लिए स्नातक की अर्हता अनिवार्य हैं। वहीं सहायक के लिए मैट्रिक पास की अर्हता निर्धारित है। इसलिए बड़ी संख्या में मैट्रिक युवा भी रोजगार की तलाश में पहुंच रहे हैं। हालांकि यह भी खबर मिल रही है कि जितनी संख्या में एक जिले में शराब दुकानों के लिए प्रभारी और सहायकों की जरूरत हैं, उतनी अधिक संख्या में युवा इस काम के लिए आगे नहीं आ रहे हैं, जिससे यह समझा जा सकता है कि कई युवा शराब के धंधे से खुद को दूर ही रखना चाहते हैं और रोजगार के अन्य विकल्पों की तलाश में जुटे हैं।
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