दुग्ध उत्पादक बनेंगे खुशहाल50 हज़ार लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले वाले हाईटेक डेयरी प्लांट का किया उदघाटन
साहिबगंज। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज साहिबगंज में संतालवासियों को अत्याधुनिक डेयरी प्लांट की बड़ी सौगात दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस डेयरी प्लांट के चालू होने से किसानों- पशुपालकों-दुग्ध उत्पादकों की जिंदगी में आमूलचूल बदलाव आएगा। इनकी आमदनी बढ़ेगी। इस तरह हमारे किसान भाइयों के साथ राज्य भी आत्मनिर्भर बनेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दुग्ध उत्पादकों के सम्मान राशि के तौर पर 10 करोड़ रूपए का चेक झारखंड मिल्क फेडरेशन को सौंपा।
गांव -गांव तक पहुंचेगा मेधा डेयरी के दूध और दुग्ध उत्पाद
साहिबगंज डेयरी प्लांट के उद्घाटन समारोह में झारखंड मिल्क फेडरेशन और कॉमन सर्विस सेंटर (प्रज्ञा केंद्र) के बीच एमओयू पर करार हुआ । इसके तहत राज्य के डेयरी प्लांटों में प्रोसेसिंग दूध और दूध के उत्पादों को मेधा डेयरी के द्वारा बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा। इसी कड़ी में ही मेधा डेयरी के सभी दुग्ध उत्पाद राज्य के 20 हज़ार से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर पर मिलेगा । इसके लिए संचालकों को आज मुख्यमंत्री ने रिटेल सर्टिफिकेट प्रदान किया। इस तरह सरकार ने गांव गांव तक इन दुग्ध उत्पादकों को उपलब्ध कराने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।
संसाधनों का समूचित और बेहतर इस्तेमाल हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास और कल्याण के लिए सरकार संसाधन उपलब्ध कराती है । संसाधनों का समुचित और बेहतर इस्तेमाल हो, इसे आपको सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साहिबगंज डेयरी प्लांट की वर्तमान प्रोसेसिंग क्षमता प्रतिदिन 50 हज़ार लीटर की है । इसकी क्षमता को बहुत जल्द बढ़ाकर एक लाख लीटर और फिर दो लाख लीटर तक करने के लिए सरकार सभी सहयोग करेगी ।
शुद्ध दूध और दुग्ध उत्पाद को बढ़ावा देने की कोशिश
मुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज बाजार में कृत्रिम दूध और उससे बने दुग्ध उत्पाद धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। यह दूध हमारे शरीर के लिए कितना खतरनाक है, इससे हम सभी वाकिफ हैं। अगर इस पर नियंत्रण नहीं किया जाए तो मानव जीवन खतरे में पड़ सकता है। इतना ही नहीं तमाम कोशिशों के बाद भी कुपोषण के मामले आ रहे हैं । आज इससे बचने के लिए शुद्ध दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत है , ताकि लोग इसका सेवन करें और स्वस्थ रहे । पशु पालकों से आग्रह है कि वे पशुधन को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दें, ताकि ज्यादा से ज्यादा शुद्ध दूध अधिकतम लोगों तक पहुंचे।
राज्य तभी आगे बढ़ेगा, जब ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की लगभग 80 प्रतिशत जनता ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़ी है। ऐसे में किसानों और पशुपालकों को मजबूत किए बिना राज्य को विकास के रास्ते पर नहीं ले जा सकते हैं । उन्होंने कहा कि किसानों और पशुपालकों के लिए सरकार की कई योजनाएं चल रही है। इन योजनाओं का आप जरूर लाभ लें । उन्होंने कहा कि किसानों के लगभग 900 करोड़ रुपया की ऋण माफी को स्वीकृति दी जा चुकी है इसके अलावा अब तक 13 सौ करोड़ से ज्यादा का केसीसी लोन किसानों को दिया जा चुका है। यह एक रिकॉर्ड है । हमारी प्राथमिकता किसानों को सशक्त, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाना है।
समय के साथ किसानों को अपने में बदलाव लाना है
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय तेजी से बदल रहा है। ऐसे में किसानों को समय के साथ बने रहने के लिए अपने में बदलाव लाना होगा। उन्हें नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल करना होगा, ताकि कृषि कार्यों में संसाधनों का बेहतर से बेहतर इस्तेमाल संभव हो सके । इसमें किसानों को जो भी जरूरत होगी, सरकार के द्वारा मुहैया कराया जाएगा।
धान अधिप्राप्ति का बना रिकॉर्ड , खुलेंगे कई राइस मिल
मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा कि आपके सहयोग से सरकार ने धान अधिप्राप्ति का एक रिकॉर्ड बनाया है। अब इस धान का उपयोग अपने ही राज्य में हो, इसके लिए सरकार ने एक दर्जन से ज्यादा राइस मिल खोलने को स्वीकृति दे दी है। भविष्य में किसानों और पशुपालकों के लिए इस तरह की कई और योजनाएं लाने की दिशा में सरकार कार्ययोजना बना रही है।
इस दुग्ध प्लांट का निर्माण 34 करोड़ रुपए की लागत से साहिबगंज डेयरी प्लांट का हुआ है ।राज्यभर में 6 हाई टेक डेयरी प्लांट से प्रतिदिन लगभग डेढ़ लाख लीटर से ज्यादा दुग्ध और दुग्ध से बनी वस्तुओं का प्रसंस्करण हो रहा है। झारखंड मिल्क फेडरेशन से अबतक 40 हज़ार से ज्यादा दुग्ध उत्पादक और एक लाख के करीब मवेशियों को जोड़ा जा चुका है। वहीं सरकार दुग्ध उत्पादकों के बैंक खाते में सालाना 200 करोड़ रुपए दे रही है और दुग्ध उत्पादकों को दो रुपए प्रति लीटर की सब्सिडी दी जाती है।
इस अवसर पर मंत्री आलमगीर आलम और बादल, सांसद विजय हांसदा, विधायक अनंत कुमार ओझा, एनडीडीबी के अध्यक्ष मिनेश शाह, कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीक और झारखंड मिल्क फेडरेशन के प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार सिंह सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।
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