30जून को नेत्रदान के बाद आमजन को देंगे दर्शन
रांची। भगवान जगन्नाथ रथ मेला एक जुलाई से शुरू हो रहा है। रथयात्रा को लेकर रांची के जगन्नाथपुर में तैयारियां जोरों पर हैं। भगवान जगन्नाथ के ऐतिहासिक रथ यात्रा को लेकर नए रथ का निर्माण आखिरी चरण में है। ओडिशा के पुरी से आए कारीगर रथ को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।
भगवान जगन्नाथ फिलहाल एकांतवास में हैं और प्रभु 30 जून को नेत्रदान के बाद आमजन को दर्शन देंगे। मंदिर के गर्भगृह से बाहर आने के बाद स्नान मंडप में श्री भगवान का नेत्रदान होगा। यह अनुष्ठान 30 जून को सुबह साढ़े चार बजे से आरंभ हो जायेगा। एक जुलाई को रथ यात्रा के दिन श्री जगन्नाथ स्वामी मुख्य मंदिर में सुबह पांच बजे दर्शन देंगे। दिन के 2 बजे भगवान का दर्शन बंद हो जाएगा। दिन के 2 बजे श्री सुदर्शन, गरूड जी, बलभद्र स्वामी, माता सुभद्रा एवं श्री जगन्नाथ स्वामी रथ के लिए प्रस्थान करेंगे. दिन के 2.30 बजे सभी विग्रहों का श्रृंगार होगा, दिन के 3 बजे भक्तों द्वारा श्री विष्णु सहस्त्रनाम पूजा का शुभारंभ होगा. शाम 4.30 बजे सहस्त्रनाम द्वारा अर्पित पुष्प को भगवान में समर्पण एवं रथ में रस्सी बांधने का कार्यक्रम शुरू होगा।
इधर, जगन्नाथ मेला में लगाये जाने वाला स्टॉल सज-धज कर तैयार है। छोटे-बड़े झूले, मिठाई की दुकाने , पारंपरिक वाद्य यंत्र की दुकान ,कृषि उपकरण एवं श्रृंगार की दुकाने इसके साथ ही मेले का रथ जो इस बार खास है क्योंकि मैं इस बार नया रथ बन रहा है जिसका रंग जिसका रंग रोगन जोरों से चल रहा है।
जगन्नाथ रथ मेला सुरक्षा समिति का अध्यक्ष प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार मेला को लेकर लोगों में उत्साह दुगनी हो गई है क्योंकि दो सालों के बाद मेला लग रहा है , जिसके कारण रथ जर्जर हो गया था इस कारण नया रथ बन रहा है और यह रथ पूरी के तर्ज पर बन रहा है। इसका साइज भी काफी बड़ा है एवं मेले में लगने वाले झूले भी पिछले सालों की तुलना में काफी अधिक है प्रशासन एवं नगर निगम की ओर से सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध की जा रही है जिससे लोगों में कोई परेशानी ना हो।
जगन्नाथ मंदिर के पुजारी सुधांशु नाथ शहदेव ने बताया कि यह ऐतिहासिक रथ मेला दो वर्षों से नहीं हो पाया था जिसके कारण इस वर्ष मेला को लेकर लोगों में हर्ष उल्लास भरा हुआ है जितने भी दुकानदार बेरोजगार हो गए थे उनको एक रोजगार मिल रहा है यह मेला साल भर की पूंजी की एक जगह प्राप्त है यह मेला से अनेक लोगों की जीविका चलती है एवं रथ मेला के माध्यम से मंदिर समिति को भी कुछ आय हो जाती है जिससे मंदिर की विकास भी हो जाता है।
वही दुकानदार भी काफी खुश है मेले की तैयारी में जुटे हुए हैं मिठाई वाले दुकानदार भी जोर शोर से मिठाई बना रहे हैं उनका कहना है कि इस बार खुशी दुगनी हो गई क्योंकि उम्मीद है इस बार दुकानदारी अच्छी होगी। यह रथ मेला लोगों के लिए खास होता है क्योंकि इसमें परंपरागत हथियार या खेती के औजार फिर बांस से बने सामान हर कुछ आसानी से मिल जाता है इसे लेने के लिए दूर-दूर के लोग मेला में पहुंचते हैं यह मेला पुश्तैनी कारीगरों की आमदनी का बहुत बड़ा जरिया भी है।
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