बहुमत के लिए जरूरी 42 से कम विधयकों की उपस्थिति ने हेमंत सरकार के क्राइसिस मैनेजरों की उड़ाई नींद
रांची। झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए आज यूपीए विधायकों की एक अहम बैठक बुलायी गयी थी, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 37 विधायक ही उपस्थित रहे, जबकि 82 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 42 का आंकड़ा जरूरी है,ऐसे में आज की बैठक में 11 विधायकों की अनुपस्थिति से हेमंत सरकार के क्राइसिस मैनेजरों की नींद उड़ गयी है। वहीं विभिन्न कारणों से आज जो बैठक में उपस्थित नहीं हो पाये,उन्हें अपने पक्ष में बनाये रखने के लिए अब कवायद शुरू हो गयी है।
सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में यूपीए विधायकों की हुई बैठक के बारे में आधिकारिक तौर पर तो यही जानकारी दी कि जनसमस्याओं के समाधान और अल्पवृष्टि से कम बारिश से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की गयी, लेकिन अंदरखाने में इस बैठक का मुख्य एजेंडा सरकार की स्थिरता को बनाये रखना ही प्रमुख था।
बैठक के बारे में आधिकारिक तौर पर सिर्फ इतनी ही जानकारी दी गयी कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास में शनिवार को झामुमो, कांग्रेस और राजद के मंत्रियों एवं विधायकों की बैठक राज्य के विकास को लेकर कई मायनों में महत्वपूर्ण थी। बैठक में मंत्री एवं विधायकों ने मुख्यमंत्री के साथ क्षेत्रवार कम बारिश की वजह से सुखाड़ की स्थिति पर गहन चर्चा एवं विचार-विमर्श किया। सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री से कहा कि उनके क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर जो समस्याएं आ रही हैं, उनका जल्द समाधान किया जाए। इसके अलावा कई और महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ।सीएमहेमन्त सोरेन ने सभी बिंदुओं पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए सत्ता पक्ष के मंत्रियों एवं विधायकों द्वारा उठाए गए जनहित के मुद्दों पर पूर्ण रूप से राज्य सरकार द्वारा सहयोग किए जाने का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जन आकांक्षाओं की सरकार है। बिना कोई भेदभाव के राज्य के सभी वर्ग-समुदाय के लोगों के लिए मिलजुल कर काम करना है। राज्य में विकास की गति को तेज करने के उद्देश्य से सरकार की हर योजनाओं को गांव-गांव, घर-घर तथा विकास की बाट जो रहे अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है।
ये 37 विधायक रहे उपस्थित
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में यूपीए विधायकों की हुई बैठक में मुख्य रूप से मंत्री आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, सत्यानंद भोक्ता, चंपई सोरेन, जगरनाथ महतो, जोबा मांझी, बन्ना गुप्ता, बादल, मिथिलेश ठाकुर, हफीजुल हसन अंसारी, विधायक सीता सोरेन, विधायक लोबिन हेंब्रम, सविता महतो, मथुरा प्रसाद महतो, दिनेश विलियम मरांडी, स्टीफन मरांडी, नलिन सोरेन, दीपक बिरुआ, सुदिव्य कुमार सोनू, रामदास सोरेन, संजीव सरदार, मंगल कालिंदी, निरल पुरती, सुखराम उरांव, दशरथ गागराई, विकास सिंह मुंडा, जिगा सुशरण होरो, भूषण तिर्की, बैद्यनाथ राम, प्रदीप यादव, दीपिका पांडे सिंह, उमाशंकर अकेला, अंबा प्रसाद, जय मंगल, सोनाराम सिंकू, रामचंद्र सिंह के अलावा सांसद विजय हांसदा, झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर उपस्थित थे।
इन 11 विधायकों की विभिन्न कारणों से रही अनुपस्थिति
वहीं बैठक में कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, भूषण बाड़ा और जेएमएम के सरफराज अहमद, चमरा लिंडा और समीर मोहंती नहीं उपस्थित रहे। इसके अलावा सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन भी बैठक में नजर नहीं आये। जबकि कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोंगाड़ी कैश कांड में पकड़े जाने के बाद कोलकाता जेल में है। वहीं कांग्रेस की ममता देवी ने हाल में बच्चे को जन्म दिया है, इस कारण वह बैठक में नहीं आ पायी। जबकि कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की निजी कारणों से दिल्ली में है।
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