गिरिडीह।गिरिडीह जिले के मधुबन में आयोजित भाजपा प्रदेश प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन 5सत्रों में विभिन्न विषयों पर वक्ताओं के संबोधन हुए।
मोदी सरकार द्वारा पिछले 8वर्षों में कृषि एवम किसान कल्याण के लिए किए गए कार्यों के संबंध में संबोधित करते हुए सिंह भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधा मोहन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बीज से बाजार तक की अप्रोच से देश के कृषि क्षेत्र में बड़े बदलाव आए हैं। बीते आठ वर्षों में भारतीय कृषि ने सफलता के नए मानदंड स्थापित किए हैं। किसानों को तमाम तरह के जोखिमों से सुरक्षित रखने, आमदनी बढ़ाने, सटीक सूचनाएं देने और उन्हें कृषि उत्पादों का उपयोग करने वाली इकाइयों से जोड़ने पर सरकार का फोकस रहा है। इन कदमों से भारत में कृषि का आधुनिकीकरण हुआ और किसानों की आय में लगातार बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने कहा कि 2014 से मोदी सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे भारत में किसानों को कम जोखिम उठाना पड़े। इसमें किसानों के लिए ैंमिजल छमज बनाने और सिंचाई के लिए बारिश पर उनकी निर्भरता को कम करना शामिल है। पहले अनावृष्टि और अतिवृष्टि की वजह से लाखों किसान भारी कर्ज में डूब जाते थे। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने इन परिस्थितियों को बदला है।
रिकॉर्ड उत्पादन से सरकारी खरीद में बढ़ोतरी हुई, जिससे किसानों की आमदनी में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली। यही नहीं, डीबीटी के जरिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता लगातार बढ़ने से किसानों को बिचौलियों की अवैध वसूली और कमीशनखोरी से मुक्ति मिली है। उन्हांेने कहा कि 2019 में सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि की शुरुआत की और किसानों के खाते में हर साल 6000 रुपये कैश ट्रांसफर सुनिश्चित किया। नियमित रुप से किस्तों में मिलने वाली इस सहायता ने छोटे किसानों को भी अच्छी गुणवत्ता वाले सामान खरीदने, जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने और अपनी आय में वृद्धि करने के अवसर दिए। देश के सभी कृषि बाजारों को म-छ।ड के माध्यम से आपस में जोड़ने से न सिर्फ पारदर्शिता आई है, बल्कि कृषि बाजारों में प्रतियोगिता भी बढ़ी है। इससे न केवल किसानों को उनके उत्पादों का बेहतर मूल्य मिल रहा है, बल्कि कीमतों में अचानक उतार-चढ़ाव से उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण भी हो रहा है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए शुरू की गई ।योजना भारतीय कृषि के लिए एक और क्रांतिकारी कदम है। इससे कृषि उत्पादों के लिए घरेलू मांग में काफी बढ़ोतरी होगी।
बीते आठ वर्षों में भारत में कृषि उत्पादन में नियमित वृद्धि और किसानों के जीवन आया बदलाव एक मिसाल है। आज भारतीय किसान केवल अपने उपयोग या घरेलू बाजार में बेचने के लिए उत्पादन नहीं कर रहें हैं, बल्कि वो अपने उत्पादों का में निर्यात कर रहे हैं और दुनिया का पेट भर रहे हैं।
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