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कहा- हिम्मत है तो धारा 356 का इस्तेमाल कर सरकार को बेदखल करें
रांची। झारखंड में सियासी उथल-उथल के बीच लगातार तीसरे दिन रविवार को भी सत्तारूढ़ यूपीए के विधायक मुख्यमंत्री आवास में एकत्रित हुए। बैठक में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के के अधिकांश विधायकों के साथ ही झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे भी उपस्थित रहे।
सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई यूपीए विधायकों की बैठक के बाद एक साझा प्रेस कांफ्रेंस का भी आयोजन किया गया। जिसमें जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी के 11 विधायक उपस्थित थे। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने आरोप लगाया कि बीजेपी की ओर से राज्य की गठबंधन सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने भाजपा और केंद्र सरकार को राज्य में राष्ट्रपति शासन यानी धारा 356 लगाने की चुनौती भी दी।
इस संवाददाता सम्मेलन में आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन, श्रममंत्री सत्यानंद भोक्ता, विधायक लोबिन हेम्ब्रम, पूर्णिमा नीरज सिंह, दीपिका पांडे सिंह, मथुरा प्रसाद महतो, अम्बा प्रसाद, सरफराज अहमद, स्टीफन मरांडी और अनूप सिंह उपस्थित थे।
जेएमएम के वरिष्ठ विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार, एक बाहरी मुख्यमंत्री के कृत्यों के खिलाफ जनाक्रोश से बनी है, लेकिन अब राज्य की लोकप्रिय सरकार को अस्थिर करने और काम काज बाधित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में विकास का काम ठप हो गया है, हर तरफ यह सवाल उठ रहा है कि राज्य में क्या हो रहा है।ऐसी स्थिति में राज्यपाल को तत्काल भारत निर्वाचन आयोग की अनुशंसा पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
मंत्री चंपई सोरेन ने भी कहा कि राज्यपाल जल्द से जल्द निर्वाचन आयोग की अनुशंसा को सार्वजनिक करें। इस दौरान जेएमएम-कांग्रेस और आरजेडी के अन्य विधायकों ने कहा कि राज्य में यूपीए के सभी विधायक एकजुट है और फिलहाल सरकार को कोई खतरा नहीं है।
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