किसानों की समृद्धि के लिए 14 राईस मिल्स का सीएम ने किया शिलान्यास
रांची। राज्य सरकार झारखंड के किसानों के भावनाओं के अनुरूप कार्य करते हुए उन्हें समृद्ध बनाने का निरंतर प्रयास कर रही है, इसी कड़ी में आज 10 जिलों में 14 राईस मिल्स का आधारशिला राज्य सरकार के द्वारा रखा जा रहा है। झारखंड में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को बढ़ावा देकर यहां के किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य उपलब्ध कराना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। संसाधनों की कमी के कारण हमारे किसान भाईयों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। राज्य सरकार फसलों के रख-रखाव, स्टोरेज एवं मिलिंग सहित सभी कड़ियों को ध्यान में रखते हुए संसाधनों को दुरुस्त करने का कार्य कर रही है। हमारी सरकार राईस मिल्स, अन्य फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स सहित पशुपालन, मत्स्य पालन के क्षेत्र में भी लगातार आगे बढ़ रही है। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में आयोजित राइल्स मिल्स के शिलान्यास कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहीं।
किसान के हाथों में उत्पादन की शक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड कृषि प्रधान राज्य है। यहां लगभग 70प्रतिशत लोग खेती-बाड़ी पर निर्भर हैं। राज्य की सर्वांगीण उन्नति में असल कुंजी हमारे किसान ही हैं। किसान वह वर्ग हैं जिनके हाथों में उत्पादन की शक्ति होती है और इन्हीं हाथों को अपनी कल्याणकारी योजनाओं से मजबूत करने का प्रण राज्य सरकार ने लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में राईस मिलों की कमी के कारण किसानों को उनकी उपज का पर्याप्त मूल्य नहीं मिल पाता था। राईस मिलों के खुलने से अब उन समस्याओं पर विराम लगेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम 10 जिलों में 14 राईस मिल्स का शिलान्यास कर रहे हैं, परंतु इन 14 राईस मिल्स से हम लोगों का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकेगा, इसके लिए हमें कम से कम राज्य में 100 की संख्या में राईस मिल्स यूनिट लगाने होंगे तभी लक्ष्य को पूरा किया जा सकेगा, इस दिशा में हमारी सरकार धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। हमारा प्रयास है कि आज जिन-जिन प्रक्षेत्र में राईस मिल्स का शिलान्यास हो रहा है, ये सभी यूनिट्स जल्द से जल्द बनकर किसानों की सेवा में समर्पित किया जा सके। उन्नत कृषि, समृद्ध किसान हमारी सरकार का संकल्प है।
बेहतर फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी के तहत निवेशकों को प्रोत्साहित कर रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी के तहत झारखंड इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा निवेशकों को रियायती दरों पर जमीन मुहैया कराया जा रहा है। निवेशकों को राज्य में प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित करने निमित्त राज्य सरकार कई प्रकार से उन्हें प्रोत्साहित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए और आधुनिक राईस मिल्स खुलने से राज्य के किसानों के साथ-साथ झारखंड की अर्थव्यवस्था को भी एक बड़ा सहयोग मिलेगा। राईस मिल्स के स्थापित होने से बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
एक साथ 14 राईस मिल्स का शिलान्यास राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है
इस अवसर पर खाद्य आपूर्ति व सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री रामेश्वर उरांव ने अपने संबोधन में कहा कि वे आज बहुत प्रसन्न है कि राज्य के विभिन्न जिलों में 14 राईस मिल्स का शिलान्यास हुआ है। किसानों की समस्याओं को देखते हुए राज्य में एक साथ 14 राईस मिल्स का शिलान्यास होना सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि राज्य में राईस मिल्स की सख्त जरूरत है। राईस मिल्स के अभाव में राज्य के किसानों को अपनी फसल दूसरे राज्यों में मिलिंग के लिए भेजनी पड़ती थी। उन्होंने कहा कि झारखंड में दाल मिल, आटा मील सहित अन्य फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित करने की आवश्यकता है, तभी यहां के किसानों को फसलों का उचित मूल्य मिल सकेगा। मंत्री श्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रत्येक क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही है।
निवेशकों को अनुकूल माहौल उपलब्ध करा रही राज्य सरकार
इस अवसर पर उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी की विस्तृत जानकारी रखी। सचिव पूजा सिंघल ने बताया कि जियाडा अंतर्गत प्रक्षेत्रवार पलामू जिला के कुर्मीपुर, सिमडेगा जिला के गरजा एवं हेठमा, खूंटी जिला के टिमड़ा एवं कालामाटी, गुमला जिला के कसीरा एवं कोनबीर, गढ़वा जिला के कुशमाही, लातेहार के जलता, पश्चिमी सिंहभूम जिला के चैनपुरखास एवं सियालजोड़ा, धनबाद जिला के देवियाना, बोकारो जिला के मिर्धा एवं गोड्डा जिला के गोवर्धनपुर में राईस मिल्स यूनिट्स का शिलान्यास आज मुख्यमंत्री के कर कमलों से किया जा रहा है। उद्योग सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के मार्गदर्शन में खाद्य प्रसंस्करण नीति के तहत झारखंड में निवेशकों को अनुकूल माहौल उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण नीति से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, खाद्य आपूर्ति व सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव हिमानी पांडे, उद्योग निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
More Stories
झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र 5 को
कैबिनेट का फैसला, 50 हजार सहायक शिक्षकों के पद सृजन को मिली मंजूरी
संस्कृति, विरासत और धरोहरों को लेकर आत्मसम्मान और गौरव का केंद्र बना नवरत्नगढ़ का किला