रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के ट्विटर हैंडल का प्रोफाइल फोटो आज दिन भर सोशल मीडिया के सुर्खियों में रहा। पार्टी की कई जिला इकाईयों की आधिकारिक ट्विटर पर बदली गयी प्रोफाइल चर्चा को लेकर तरह-तरह की चर्चा होती रही। हालांकि राजनीतिक बदलाव की संभावना के बीच इस प्रोफाइल फोटो को हटा लिया गया और फिर से पार्टी सिंबल तीर-धनुष का सिंबल लगा दिया गया।
जेएमएम के कई जिला कमेटियों के आधिकारिक ट्विटर हैंडल में प्रोफाइल की तस्वीर तीर-धनुष को बदल कर- सीएम के एक फोटो के साथ तस्वीर लगायी गयी, जिसमें पूछा गया- हेमंत नहीं,तो कौन? ट्विटर के संदेशों से राजनीतिक विश्लेषक और जानकार कई तरह की आशंकाओं और संभावनाओं पर चर्चा करने लगे। कुछ लोगों ने कहा कि झारखंड में कहीं यह ऑपरेशन लोटस की शुरुआत तो नहीं है, तो कुछ लोग आने वाले समय में हेमंत सोरेन के बीजेपी के साथ जाने की बात करने लगे। हालांकि जेएमएम ने इसे सिरे खारिज करते हुए ट्विटर हैंडल के प्रोफाइल को कुछ ही घंटों में बदल दिया। अब सभी जिलों के प्रोफाइल पिक्चर में जेएमएम का तीर-धनुष का लोगो ही दिख रहा है।
इधर, बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने जेएमएम के ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि परिवारवाद से ग्रस्त पार्टियों द्वारा हमेशा एक ‘पॉलिटिकल ‘‘नैरटिव’’ बनाया जाता है, जिसमें वंशवाद में उपजे नेताओं को ‘‘मसीहा’’ बताया जाता है। एक धारणा बनायी जाती है, उस मसीहा के अलावा कोई भी सत्ता में बैठने के काबिल नहीं है। उदाहरण के तौर पर जेएमएम द्वारा आज का ट्रेंड-‘हेमंत नहीं, तो कौन?’’
दूसरी तरफ बीजेपी सांसद डॉ0 निशिकांत दूबे ने ट्वीट कर कहा- जेएमएम द्वारा आज का ट्रेंड- ‘‘हेमंत नहीं, तो कौन? अरे भगवान भाजपा का कोई भी साधारण कार्यकर्त्ता भी हेमंत जी से बेहतर मुख्यमंत्री होगा, परिवारवाद से ग्रस्त पार्टी, दुर्गा सोरेन की असामयिक मृत्यु से बने नेता, जिसने गुरुजी के संधर्ष को नहीं देखा, उसका भगवान ही मालिक है, बहादुर शाह जफर।
जेएमएम के ट्विटर हैंडल पर कुछ देर के लिए चली इस तस्वीर के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे है और कई ट्विटर यूजर इसे लेकर अपनी अलग-अलग राय भी प्रस्तुत कर रहे हैं, लेकिन इतना तो तय माना जा रहा है कि अंदरखाने मंे कुछ न कुछ बड़ी राजनीतिक खिचड़ी भी पक रही है, जिसकी भनक अभी बाहर नहीं आ सकी हैं।
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