झारखंड वृक्ष संरक्षण विधेयक 2021 पर जमकर चर्चा हुई
रांची। झारखंड विधानसभा द्वारा देश में पहली बार झारखंड (Jharkhand) छात्र संसद (student parliament) का आयोजन किया गया। इसकी संकल्पना विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो द्वारा इस प्रकार की गयी कि राज्यभर के कोने-कोने से छात्रों को इसमें सम्मिलित कराया जाए और उनमें से चयनित छात्रों में से 24 सर्वश्रेष्ठ बच्चों को चुनकर उनसे छात्र संसद में उनके जिले का प्रतिनिधित्व कराया जाए। इस छात्र संसद को वास्तविक सदन का स्वरूप दिया गया और प्रश्नकाल तथा विधेयक पारण की वास्तविक कार्रवाई करते हुए बच्चों को संसदीय परंपराओं की जानकारी देने का प्रयास किया गया। इस छात्र संसद की मूल भावना यूथ फॉर ग्रीन झारखंड को रखा गया, ताकि इसके माध्यम से झारखंड की पहचान यहां कि हरियाली, जल, जंगल और जमीन को प्रतिबंधित किया जा सके। इस प्रथम छात्र संसद द्वारा झारखंड वृक्ष संरक्षण विधेयक 2021 को पारित कराया गया।
यह विधयेक प्रत्येक जिला में वृक्ष प्राधिकार की स्थापना की बात करता है। यह वृक्ष प्राधिकार सरकारी विभागों, निजी संस्थानों द्वारा फैक्ट्री, उद्योग, सड़क, सिंचाई, बिजली और टेलीफोन के तार के अधिष्ठापन के लिए वृक्षों की कटाई और वृक्ष रोपण के विषय के प्रस्तावों का अध्ययन करेगा। किसी निर्धारित क्षेत्र में वृक्षों के रोपण के लिए इस क्षेत्र के निवासियों को वृक्ष पदाधिकारी से आदेश प्राप्त करना होगा। इससे निमित्त आवेदन दिये जाने पर वृक्ष पदाधिकारी को 60 दिनों के अंदर इस पर निर्णय लेना होगा। कोई व्यक्ति जिसे वृक्ष के कटाई के लिए आदेश दिया जाएगा, उस वृक्ष के एवज में एक अन्य वृक्ष रोपना होगा। छात्र संसद के अंतर्गत छात्रों द्वारा प्रश्नकाल के दौरान और इस विधेयक पर उत्साहपूर्ण परिचर्चा कर वाद-विवाद किया गया। छात्र संसद की सबसे बड़ी खूबी यह रही कि इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों में से 50 प्रतिशत छात्राएं थी। अंत में 24 छात्र सदस्यों में से प्रतियोगिता में प्रथम, डेजी लकड़ा लोहरदगा, सभ्यता भूषण गिरिडीह और श्वेता सिंह देवघर को स्पीकर ने सम्मानित किया।
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