रांची। झारखंड में गिरिडीह के मधुवन में प्रदेश कांग्रेस की ओर से तीन दिवसीय चिंतन शिविर में जहां स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भाषा के सवाल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर सीधा कटाक्ष कर सनसनी फैला दी, वहीं इस शिविर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं-कार्यकर्त्ताओं के निशाने पर रहे। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय की मौजूदगी में मंच से ही पार्टी के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने पूर्व प्रभारी आरपीएन सिंह द्वारा बनायी गयी टीम को बदलने की मांग तक कर डाली।
कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे फुरकान अंसारी ने सीधा आरोप लगाया कि पूर्व प्रभारी आरपीएन सिंह ने बीजेपी के इशारे पर झारखंड में कांग्रेस संगठन को कमजोर करने के लिए नयी टीम का गठन किया। संगठन की मजबूती के लिए इस टीम को तुरंत बदलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने नयी टीम के लिए नाम और सुझाव मांगे है, इस पर जल्द से जल्द फैसला होना चाहिए। फुरकान अंसारी कुछ और बातें भी रखना चाहते थे, लेकिन प्रभारी अविनाश पांडेय ने उनसे यह कहते हुए माइक ले ली कि वे अपनी बातों से अलग से उन्हें अवगत करा दें।
विधायक दीपिका पांडेय ने भी शिविर में चर्चा के दौरान कहा कि बाहर से आने वाले नेताओं को संगठन में तुरंत बड़ी जिम्मेवारी या पद नहीं दे दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ महीने के अंदर प्रदेश नेतृत्व द्वारा लिये गये फैसले से संगठन कमजोर हुआ है।
पूर्व विधायक केएन त्रिपाठी ने भी प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के 140 वर्षाें का इतिहास यह बताता है कि कांग्रेस पार्टी में सबको साथ लेकर चलने की परंपरा रही है, लेकिन वर्तमान नेतृत्व में यह क्षमता नहीं है, जिसके कारण संगठन कमजोर हो रहा है।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भी अपने वर्चुअल संबोधन में साफ कहा कि कार्यकर्त्ताओं के मान सम्मान की रक्षा प्रदेश अध्यक्ष और मंत्रियों करना होगा, ऐसा नहीं करने पर कार्यकर्त्ता उन्हें पद से हटा भी सकते हैं।
More Stories
झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र 5 को
कैबिनेट का फैसला, 50 हजार सहायक शिक्षकों के पद सृजन को मिली मंजूरी
संस्कृति, विरासत और धरोहरों को लेकर आत्मसम्मान और गौरव का केंद्र बना नवरत्नगढ़ का किला